भक्त्यमृतमहासिन्धुं प्रपत्तिमार्गदर्शकम् ।
लक्ष्मीनाथप्रियाचार्यं शठकोपं नमाम्यहम् ॥
Great
ocean of the nectar of devotion
Preceptor
of the path of Prapatti
The
Master who is so dear to Sri Laksminarayana
My
obeisance to Sri Satakopa (Sri Nammazhvar)
जय जय श्रीराधे