श्रीलक्ष्मीनृसिंहप्रार्थना
भक्ताभयप्रदातारं सर्वमङ्गलविग्रहम् ।
प्रह्लादवरदं देवं नृसिंहं तं नमाम्यहम् ॥
जय जय श्रीराधे
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