HAPPY VASANT PANCHAMI GREETINGS
रितु बसन्त वन फल सुमन, चित प्रसन्न नव कुंज।
हित दम्पति रति कुशल मति वितु संचित सुख-पुंज॥
वितु संचित सुख-पुंज, गुंज मधुकर सु नाद धुनि।
रुंज-मृदंग-उपंग धुंज, डफ झंझ ताल सुनि॥
मंजु जुवति रस गान, लुंज इव खग तहँ विथकित।
भुंजत रास-विलास कुंज नव, सचि बसन्त रितु॥
--- श्रीहित सेवकवाणी १०
जय जय श्रीराधे