श्रीमते रामानुजाय नम:
नारायणकृपापात्रं
शेषावतारशेखरम् ।
वैष्णवाचार्यरत्नं
तं यतिराजं नमाम्यहम्॥
दीनबन्धो
दयासिन्धो निर्हेतुककृपार्णव।
पाहि
रामानुजाचार्य रक्ष मां
शरणागतम्॥
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